Source:- http://www.esakal.com/esakal/20100817/5722432018591541834.htm
नारायण सुर्वेंचा जीवनप्रवास (फोटो फिचर)
Tuesday, August 17, 2010 AT 12:45 AM (IST)
Tags: narayan surve, marathi, literature, thane, poet
दळवी बिल्डिंगमध्ये कम्युनिस्ट पक्षाचं कार्यालय होतं. तिथे सुर्वेंचा राबता होता. मीटिंगा, चर्चा सगळं तिथेच होई... आता ही बिल्डिंग पाडली आहे. (प्रशांत चव्हाण - सकाळ छायाचित्र सेवा)
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चिंचपोकळीची म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन बिल्डिंग आणि त्यातलं सुर्वेंचं घर. शाळेतले शिक्षक म्हणून इथे सुर्वेंना क्वार्टर्स मिळाल्या होत्या. आयुष्यातला हा पहिला "ब्लॉक.' तोपर्यंतचं आयुष्य चाळीत किंवा फुटपाथवर...
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चिंचपोकळीची म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन बिल्डिंग आणि त्यातलं सुर्वेंचं घर. शाळेतले शिक्षक म्हणून इथे सुर्वेंना क्वार्टर्स मिळाल्या होत्या. आयुष्यातला हा पहिला "ब्लॉक.' तोपर्यंतचं आयुष्य चाळीत किंवा फुटपाथवर....
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स्प्रिंग मिल. बालकामगार म्हणून सुर्वेंनी इथे काम केलं.
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परळच्या पोईबावडी शाळेत सुर्वे यांनी शिपाई म्हणुन काम केले होते.
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आताच्या सेना भवनासमोरची कोहिनूर मिल नं. 3. इथेही सुर्वे बालकामगार होते. इथे त्यांची कामगारांत ऍक्टिव्ह असणाऱ्या वामन सावंत यांच्याशी भेट झाली आणि कामगार चळवळीकडे ते ओढले गेले.
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अप्पर माहिम म्युनिसिपल स्कूल. गंगाराम सुर्वेंनी नारायणाला शिकवायचं म्हणून या शाळेत घातलं होतं. या इमारतीच्या वरच्या दोन मजल्यांवर शाळा होती, आता ती बंद पडली आहे.
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नायगाव म्युनिसिपल स्कूल. महापालिकेत नोकरी लागली ती या शाळेत शिपाई म्हणून. नंतर सुर्वे सातवीपर्यंत शिकले आणि याच शाळेत प्राथमिक शिक्षक म्हणून रुजू झाले
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नायगाव म्युनिसिपल स्कूल. महापालिकेत नोकरी लागली ती या शाळेत शिपाई म्हणून. नंतर सुर्वे सातवीपर्यंत शिकले आणि याच शाळेत प्राथमिक शिक्षक म्हणून रुजू झाले
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बोगद्याच्या चाळीतली हीच ती खोली, रूम नं. 3. परळच्या या चाळीतल्या टिचभर खोलीत चळवळ आणि सुर्वेंच्या कविता ऐन जोमात होत्या. आता तिथे गोदाम आहे.
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